सामाज और समस्या
कलमसत्यकी ✍️
आज हमारे समाज में समस्या का होना, बड़ी समस्या नहीं है।
समस्या समाज का अभिन्न अंग है कोई भी व्यक्ति-परिवार ,कोई भी मोहल्ला-शहर ,कोई भी राज्य और देश समस्या मुक्त नहीं हो सकता ।
विकास की गति कितनी ही तेज क्यों ना हो, कितनी ही जागरूक सरकार ही क्यों ना हो, समस्याएं आएंगी !
लेकिन अब बात यह होती है की समस्याओं का समाधान होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ।
अगर समाधान होना चाहिए तो मान लीजिए स्थानीय नेता अगर जागरूक नहीं है तो वहां पर स्थानीय नागरिक का क्या कर्तव्य है?
क्या उस स्थानीय नागरिक को भी समस्याओं को झेलते हुए जीवन यापन करना चाहिए ,दुश्वारियां को झेलते रहना चाहिए? क्या उसका कर्तव्य नहीं है कि वह वहां के स्थानीय समस्याओं को सोशल मीडिया के माध्यम से, पत्राचार के माध्यम से, सरकार को ,जिला अधिकारी को सूचित करें ।
क्या इस देश के नागरिक होने के नाते हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है?
कम से कम हम आवाज तो उठाएं ।
ऐसा नहीं है कि लोग आवाज नहीं उठाते हैं, लोग उठा रहे हैं,तमाम लोग हैं जो उठाते हैं और समस्या का समाधान भी वह ढूंढ कर लाते हैं,सत्ता और सत्ता की मलाई खाने वाले नेता और अधिकारियों को भी घुटने के बल ला देते हैं!
मेरे हिसाब देश में समस्या न समाप्त होने के दो कारण हैं।
पहला कारण है कि कुछ लोग सरकार के हिमायती होते हैं।वह तुरंत सामने आकर खड़े हो जाएंगे की कोई समस्या है ही नहीं ।
और दूसरे कुछ लोग स्वार्थी होते है,पहले के सरकारों के अंग होते हैं, उन्हें आपकी समस्या से मतलब नहीं होता है, वो तो बस इस बात का फायदा उठाने आ जाते हैं कि जो वर्तमान सरकार है उसकी कैसे टांग खिंचाई की जाए और मौके पर आपके साथ खड़े भी नहीं होते।
दोस्तों समस्या का समाधान अगर आप चाहते हैं तो समाधान के लिए आगे आए और खुद आवाज बने और ऐसे लोगों की श्रृंखला तैयार करें जो वाकई में अपने मोहल्ले को,अपने गांव को,अपने समाज को,अपने देश को सकारात्मकता की ओर ले जाना चाहते हैं।
दोस्तों सरकारें भी वहीं की जागरूक होती हैं जहां की जनता जागरूक होती है।
हम जिंदा है या मुर्दा वह तो हम खुद बेहतर समझ सकते हैं।
मेरा देश मेरा दायित्व।
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