ध्यान

#कलमसत्यकी ✍️
#ध्यान
हम हर काम करने से पहले यह जरुर सोचते हैं कि इसे करने से हमें क्या मिलेगा।
ध्यान करने से मुझे क्या मिलेगा। यह हिसाब-किताब लगाना छोड़ दीजिए। आपको कुछ भी नहीं मिलने वाला है। आपको इससे कोई लाभ नहीं होगा। जरुरी नहीं है कि कुछ घटित हो। ध्यान का मकसद सेहतमंद होना, ज्ञान प्राप्त करना या स्वर्ग हासिल कर लेना नहीं है, यह तो बस आपके जीवन का पुष्पित होना है।
अगर आपको असली चीज चाहिए तो ले जाने का चक्कर छोडि़ए। बस वहां रहिए, कुछ भी करने या होने की जरूरत नहीं है। अगर आप अपने जीवन के हर क्षेत्र से इस गणना को खत्म कर दें कि मुझे बदले में क्या मिलेगा, तो आप असीमित और करुणामय हो जाएंगे। इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है। आपको बस इसी एक गणना को छोडऩा है, क्योंकि आपकी पूरी मानसिक प्रक्रिया की, दिमाग में जो कुछ भी हो रहा है उन सबकी चाबी यही है।

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