Just Chill

मेरे कुछ दोस्तों ने बड़े भाइयों ने इस समाचार पर अपनी टिप्पणी दी है,सही टिप्पणी की है, पर मैं भी अपना विचार रखना चाहता हूं।।   #JustChill
कलमसत्यकी  ✍️
आज कल यही bollywood  के लोग तो सबके प्रेरणा बने हुये हैं! तो इस शिल्पा शेट्टी के "बैगन के भर्ते" वाले समाचार से आश्चर्य क्यों?
उस रिपोर्टर की क्या गलती है जो देख रहा कि है इरफान खान, ऋषि कपूर के मृत्यु पर करोड़ों लोग दिन भर दुखी है,पागल हो रहे हैं।
कुछ लोगों का बस चले तो उन्हे उपर वाले से वापस माँग लें  और भारत रत्न भी  दे दें ।हालाकि सबके परिवार के लोग स्वजनो के मृत्यु पर दुखी होते हैं,स्वाभाविक है।
पर मास मूवमेंट को देखकर वह पत्रकार समझता है कि लोग क्या पसंद कर रहे है!
पत्रकार यह भी तो  देखता होगा कि हम लोगो मे से कितने लोग "कोरोना वारियर्स" जो इस दुख की घड़ी में सेवा करते शहीद होते जा रहे हैं ,न उनके उपर बहुत ज्यादा रिएक्ट कर रहें है...सत्य भी है ! हाँ दुखी है,पर मास मूवमेंट तो हीरो हीरोईन के देहांत पर ही देखने को मिलता है।
तो वह पत्रकार भी  देखता है ,आकलन करता है  कि कितने लोग कोरोना वॉरियर्स पर सक्रिय हैं।
दूसरा हम सभी लोग जानते हैं कि बॉलीवुड के समाचार को इकट्ठा करने के लिए अलग से रिपोर्टर होते है तो आप बॉलीवुड का महत्व समझ सकते हैं।
इसलिए वह पत्रकार यह समझता है कि माहौल इस समय फिल्मी बॉलीवुड कलाकारों का है तो वह शिल्पा शेट्टी पर लिखता है।
कभी वो करीना करीना कपूर के बच्चे तैमूर पर लिखता है।।
मैंने भी एक दिन बहुत बढ़िया लौकी का कोफ्ता बनाया था
मेरे मां-बाबू जी,पत्नी ,बच्चों को बहुत पसंद आया था पर मैं सबका इंस्पिरेशन थोड़ी ना हूँ कि मेरी खबर छपे।
यही सत्य है।
सत्य तो यह है कि मेरे जैसे व्यक्ति के मरने पर शायद ही  कुछ लोग दुख प्रकट करें और यही कटु सत्य है,छपने की बात तो छोड़ ही दिजीये।
#वो #बेचारा #पत्रकार #क्या #करें?

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