वृद्ध जन व समाज #कलमसत्यकी ✍️

#कलमसत्यकी ✍️
#लावारिस #एवं #असहाय #वृद्ध 
भेंट वार्ता। आल इंडिया रेडियो। #AIR 
धन्यवाद #आकाशवाणी 
#वृद्धजन व #समाज
आकाशवाणी पर श्री हरेंद्र जी के साथ। 
पिछले 9 वर्षों से मुझे अनेक अनुभूति हुई,ऐसे तमाम लावारिस माता-पिता मिले जिनके बच्चे उसी शहर में रहते हैं और उनके माता-पिता सड़कों पर विक्षिप्त  एवं असहाय अवस्था में सड़कों पर पड़े रहते हैं ।
यहाँ तक तो फिर भी चलो ठीक था परंतु जब वे वृद्ध जन परलोक सिधार गए और उनके बच्चों किसी प्रकार से पता करके सूचित किया गया तो मन भर सा गया।  उन्होंने या तो यह कहा कि वे शहर से बाहर हैं या किसी प्रकार से आने पर कहा कि उनके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे भी नहीं है।
खैर, मुखाग्नि भी हम लोगों को ही देना पड़ा।
जिस प्रकार से अपने ही माता-पिता के लिए लोगों के हृदय में संवेदना मर चुकी है उससे तो सोशल मीडिया पर नेक कार्य करने वाले, या फिर नेक कार्य दिखाने वालों पर ही संशय है उठता है कि अगर यह  सत्य है तो ये फिर वो कोई फिल्म या वीडियो की शूटिंग ही होगी या फिर समाजसेवा के नाम पर धन कमाने का स्वांग!! 
मित्रों, जब जन्म देने वाले भगवान स्वरूप माता पिता से ही प्रेम नहीं तो फिर इंसान का इंसान से क्या लगाव होगा !यह चिंतन और मनन का विषय है। 
समाज तो लोगों से ही मिलकर बनता है।
समाज कोई अलग एक ग्रह तो है नहीं ।
मेरा मानना है कि हर कालखंड के बुराई के साथ कुछ न कुछ अच्छाइयां भी होती है, परंतु आज इस समय ढोंग ज्यादा प्रतीत होता है।
शायद यह #फ्लेवर का युग है,यहाँ वास्तविकता से लोग आंखें मूंद लेते हैं और सिनेमा देखते हैं तो भावनाओं के सागर में गोते लगाते नजर आते हैं।
यह तो वही हाल है कि आम का जूस सबको पसंद है पर आम का पौधा लगाएं कौन?
लगाने की जरूरत भी क्या है ?
हमने आम के साथ-साथ अनेक फलों के फ्लेवर तैयार करने का महारत जो हासिल कर लिया है ।
ओरजनिलटी की कोई जरूरत नहीं है ।
आज जमाना डुप्लीकेसी का ही है। उसी से  काम चल जा रहा है ।
इसलिए दोस्तों हमें अपने हृदय के मूल स्वभाव को स्थापित करना होगा।
जिससे कि हम इंसान बने रहे और भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना की जो संज्ञा हमें  मिली है वह सच साबित हो सके।
दोस्तों हमें समझना होगा,अगर समाज के इस अनुभवी स्तंभ को यूँ ही नजरअंदाज किया जाता रहा तो हम उस अनुभव से भी दूर हो जाएंगे जो इन लोगों के पास है ।
समाज में वृद्ध दिवस का मनाना तभी सार्थक होगा जब हम उन्हें परिवार व समाज में सम्मानजनक जीवन देंगे।उनके शुभ और मंगल की कामना करते हैं उन्हें एहसास  दिलाएंगे की वे अनुभव के फल से लदे हुए वृक्ष हैं।
मेरा देश मेरा दायित्व। 
#कलमसत्यकी ✍️
सत्येंद्र उर्मिला शर्मा।
This will broadcast on primary channel of all india radio varanasi i.e. mw 1242 kHz or 241.54m band....
15मार्च शाम 7.30से

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