तू जमीन का आदमी है?
या बिकी हुई जमीर का?
वक्त आने तो दे,
ये राज भी खुल जायेगा,
बे-मुरव्वत बटोर ले,
धन-दौलत, जमीन-जायदाद,
साथ तेरे,
एक तिनका भी न जायेगा।
और जिसके लिए तू ,
कर रहा है ये मशक्कत,
एक मुद्दत भी तुझे,
वह याद रख न पाएंगे,
तू भ्रम में है कि तेरी पीढ़ियां,
तेरा नाम अमर कर जाएंगे।
बड़े-बड़े बलिदानीयों को,
ये जमाना याद रखता नहीं,
उनके पावन पदचिन्हों पर,
कोई जल्दी चलता नहीं,
तो तेरे जैसे लुटेरे का नाम,
दुनिया क्या खाक दोहरायेगी?
तेरे फोटो फ्रेम को,
हां,तेरे 'फोटो फ्रेम' को,
दीवार पर वह लटकाएंगे,
दस टके का माला चढ़ा कर ,
बे-मुरव्वत तुझे भूल जाएंगे।
#कलमसत्यकी✍️
सत्येंद्र उर्मिला शर्मा (सत्य)
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