नशे का सामान और जनता।
कलमसत्यकी ✍️
बड़ी समस्या है भाई!
हम बहुत महान लोग हैं।
हम खुद कुछ नहीं करना चाहते।
हम खुद नहीं बदलना चाहते।
हम हर समस्या की जड़ में सरकार की गलती ढूंढ लेते हैं।
हम मास्क नहीं पहनेंगे,सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करेंगे लेकिन हम चिल्लायेंगें की सरकार लॉकडाउन क्यों नही कर देती।
हम शराब पीना नहीं छोड़ेंगे लेकिन हम चिल्लायेंगें की सरकार शराब की दुकान बंद क्यों नहीं कर देती।
दिन भर पान और जर्दा चबाने वाले भी पेपर मे लेख लिख रहें हैं और बता रहें हैं कि सरकार लापरवाह है।
Immunity की बात कर रहें हैं!
पान और शराब जानलेवा है।ये बात सब जानते हैं।
दुकानें क्यों खोल रखी है।
हम खुद से गुटखा,जर्दा,सुपारी ,सिगरेट जितना भी उलूल जूलल सब पेट मे भरते जा रहें हैं।
सरकार किसी मे मुंह मे नही ठूँस रही है।
खुद खाने से पीछे नहीं हटेंगे लेकिन हल्ला मचाएेगें की सरकार सब बंद कर दे ।
सरकार बंद कर देगी तब अब हम सुधरेंगे ??
जब सरकार हमें घर में बंद कर देगी तो हम बाहर घूमना बंद करेंगे?
सरकार शराब की दुकान बंद कर देगी तो फिर हम शराब पीना बंद करेंगे?
अरे कुछ ईमानदारी जनता को भी तो दिखाना पड़ेगा भैया!
सरकार तो बंद की थी तो पता चला कि ब्लैक में सारी शराब की बोतलें बिक गई और ब्लैक में सारी तंबाकू के समान बिक गये ।
किसने खरीदा?
सरकार गुटखा पान मसाला सिगरेट की दुकान बंद करेगी तो हम भी बंद करेंगें नही तो जहर पीते रहेंगे।
ये कोई बात है क्या?
अरे कभी-कभी हम खुद से भी कुछ करेंगे !
कभी हम खुद को भी बदलने का आह्वान खुद से करेंगे ।
कभी हम खुद से खुद को सुधारने का प्रयास करेंगे?
शराब एवं तंबाकू से बने सारे उत्पाद जानलेवा है ।
बच्चा बच्चा यह जानता है ।
सड़क पर बड़े-बड़े होर्डिंग ये बता ही रहें है।
सरकारी भवनों पर प्रचार के बैनर चिपके हैं।
रेडियो और टीवी पर लगातार निवेदन और जागरूकता चल ही रही है। प्रचार से लेकर के हर जगह चेतावनी दी जाती है।
पर कोई सुधारने वाला नहीं है।
जब वह चीज बंद कर दी जाएगी तब हम सुधरेंगे ?
अरे हम तब भी नहीं सुधरेंगे!
हम तब भी उसका कोई विकल्प ढूंढ ही लेंगे ।
बेहतर है खुद को भी हम बदलने का प्रयास करें।
मैं स्वंय कीसी भी नशे के वस्तु की बिक्री और सेवन का समर्थक नही, पर हाँ ! सरकार को दोष देने के साथ-साथ अपने अंदर भी झांकना जरूरी है।
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