जिंदगी एक पहेली

जिंदगी तुझसे शिकायत नहीं, 
शिकवा तो खुद से है,
कि दिल की कभी सुना ही नहीं! 
लिया हमेशा उसे जो सहसा मिल गया, 
जिसे हमेशा पाना चाहा, उसे चुना ही नहीं!!

कोई गर समझा होता मुझे, 
तो इतना दर्द न होता, 
काट लेता जिंदगी बेहया बनकर,
जीवन इतना बेदर्द न होता।

तनहा आया था जहाँ में, 
आज भी तनहा ही हूँ, 
बरसों से मै सहमा-सहमा सा हूँ, 
कांटे मिले जिंदगी मे तो समेटता गया, 
दामन खुशीयों के कभी बुना ही नही। 
हाँ जिसे हमेशा पाना चाहा, उसे चुना ही नहीं। 
#दर्द 
#कलमसत्यकी ✍️

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