देश के युद्धों मे कौन मरा?
न मै न तुम!
दर्द किसने झेला,
न मै न तुम!!
पाकिस्तान मरा या भारत?
कौन मरा?
मरा न मैं न तुम!
नफरतों के बाजार में,
कौन बिका?
किसने खरीदा,
न मै न तुम!
धर्म के पेशोपेश में,
काफ़िला किसने रोका
न मैं न तुम,
पाकिस्तान मरा या भारत,
न मैं न तुम!!
रोटी दाल के,
चक्कर मे तड़प रहा एक जहाँ,
न मैं तड़प रहा न तुम!
संभल जाओ भारत से,
नफरत करने वालों,
ऐसे नही चलेगा धर्म,
मर्म हम समझेंगे या तुम!!
न टोपी रहेगी न मस्जिद,
न रहेगा हदीस,
रहेगा तड़पता खुदा का जहाँ,
सजा भुगतेंगे,
हम और तुम।
प्यार बरसाओं,
मोहब्बत फैलाओं,
बाकी सब बेमानी हैं,
बारिश प्यार की होगी तो,
भीगेंगे हम और तुम।
#कलमसत्यकी ✍️©️
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